शोपेनहावर के अनमोल विचार
• विश्वास और प्रेम में एक बात समान है; दोनों में से कोई भी जबरदस्ती पैदा नहीं किया जा सकता । • उपयोगी कलाओं की जननी है आवश्यकता, ललित कलाओं की जननी है विलासिता । पहली पैदा हुई बुद्धि से और दूसरी प्रतिभा से । • कोई भी अपने सिवाय किसी के साथ पूर्ण सामंजस्य स्थापित नहीं कर सकता । • हमारा दूसरे लोगों के साथ जो संबंध होता है, प्राय: उसी से हमारे सभी शोक और दु:खों का जन्म होता है । • छोटी-छोटी बातें अनजाने रूप से हमें शुरु से ही किसी के अनुकूल या प्रतिकूल बना देती हैं । • जीवन के पहले चालीस वर्ष पाठ्य हैं और दूसरे तीस वर्ष इस पर व्याख्या ।