लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्तूबर,1904 को मुगलसराय में हुआ था। उनके पिता श्री शारदा प्रसाद श्रीवास्तव आदर्श अध्यापक थे। वे सहृदयी और उदार विचारों के थे। जिनका प्रभाव लाल बहादुर शास्त्री पर भी रहा। यद्यपि उन्हें उनका साथ लंबे समय तक नहीं मिला। जब वे मात्र 18 माह के थे,तभी उनके पिता का निधन हो गया और उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। मां रामदुलारी के संस्कारों ने उन्हें आत्मस्वाभिमानी बनाया। पढ़ने के लिए वे तैर कर गंगा पार स्कूल जाते ; उनके पास इतने पैसे नहीं होते थे कि वे नाविक को दे पाएं। हाई स्कूल की परीक्षा हरिश्चंद्र स्कूल वाराणसी से की। काशी विद्यापीठ से स्नातक की उपाधि संस्कृत भाषा के साथ करने के बाद अपने नाम के साथ शास्त्री जोड़ लिया। उन दिनों नाम के साथ डीग्री जोड़ने का चलन था। शास्त्री जी ने बी.ए. न लिख कर भारतीयता की दृष्टि से शास्त्री लिखना शुरू किया। वर्ष 1921 में असहयोग आंदोलन के जरिए गांधी जी से जुड़े। तत्पश्चात लाला लाजपत राय की पीपुल्स सोसायटी में शामिल होकर हरिजन उद्धार में जुट गए। फिर वे भारत सेवक संघ के आजीवन सदस्य बने औ
आध्यात्मिक विषयों पर केंद्रित यह ब्लॉग सत्य,अस्तित्व और वैश्विक सत्ता को समर्पित एक प्रयास है : जीवन को इसके विस्तार में समझना और इसके आनंद को बांटना ही इसका उद्देश्य है। एक सनातन गूंज...जो गूंज रही है अनवरत...उसी गूंज की अनुगूंज यहां प्रतिध्वनित हो रही है...