समस्या अकेली नहीं आती
जब कभी तुम समस्याओं से घिर जाओ
और कोई ध्यान रखने वाला न हो
और कहीं कोई दोस्त न मिले
तो स्मरण कीजिए कि परमात्मा तुम्हारे निकट है
वह तुम्हारी हर प्रार्थना सुनता है
जब यह जीवन सूना दिखाई पड़े
और सारे सपने टूटते दिखाई पड़ें
और तुम्हारे शब्दों को कोई न सुने
तो स्मरण कीजिए कि परमात्मा तुम्हारा प्रेमी है
उसका ह्रदय तुमसे कभी रिक्त नहीं होता
जब तुम्हारा समय अच्छा न चल रहा हो
और तुम्हारा दिल कहीं न लग रहा हो
और तुम्हें कहीं चैन न मिल रहा हो
और तम्हें कुछ सूझ न रहा हो
तो स्मरण कीजिए कि परमात्मा तुम्हारी मदद करेगा
वह तुम्हें शिखर पर ले जाने में पथप्रदर्शक बनेगा
जब समस्याएँ तुम्हें चारों ओर से घेर लें
और संसार से तुम पुरी तरह निराश हो जाओ
तो स्मरण कीजिए कि कोई समस्या कभी अकेली नहीं आती
परमात्मा हमेशा उसके साथ आता है
आपकी मदद के लिए ... ताकि आप मजबूत बन सकें
और अपने वजूद को पहचान सकें
..... बेहतरीन, प्रभावशाली व प्रसंशनीय अभिव्यक्ति ......... बहुत-बहुत बधाई !!!!
जवाब देंहटाएंye hai pooree sacchaee........sankat kee ghadee me dhairy na jane kanha se jut aata hai..........
जवाब देंहटाएंसुन्दर और सच्ची बात....ध्यान ही हमें संकटों से उबारता है...
जवाब देंहटाएंsashakt abhivaykti !
जवाब देंहटाएंmanoj bhai!
जवाब देंहटाएंAgey ki putak " nadee ke dweep" ke pankteeya yaad ho aaye....Dukh hame manjhata hai.....
you are very sweet
swami chaitanya alok (naveen rawat)
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जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंमेरे माशूक
जवाब देंहटाएंनज़र में मेरी बस तू ही है
और दिखता नहीं कोई भी मुझे तेरे सिवा
ख़त्म सब हो गयी दुख की बदली
अब अंधेरा कहीं कोई ना रहा
सिर्फ़ आनंद है और रोशनी का मंज़र है
हर तरफ तेरे ही होने का है भरम होता
तुम मेरे पास होते हो गोया
जब कोई दूसरा नहीं होता
- शिव प्रिय वर्मा
मनोज जी
जवाब देंहटाएंसादर स्वीकार करें मेरी अभिव्यक्ति ...
परमात्मा के स्वरूप का जो दर्शन आपसे प्राप्त हुआ
उसके लिए आपके अंदर वर्तमान परमात्मा को प्रणाम..
- शिव प्रिय वर्मा
aapke maargdarshan ki asha ke saath sadar aamantran sweekar karein
जवाब देंहटाएंhttp://samvedanakeswar.blogspot.com
बहुत प्रभावशाली रचना सुंदर दिल को छूते शब्द .
जवाब देंहटाएंmanoj bhai,
जवाब देंहटाएंhamara abhar aapki abhivyakti ke liye.. holi aapke jeeven mein rangon ki varsha kare..yahi hamari shubhkamnayein hain..isis tarah jude rahein aur margdarshan karte rahein..