पुरानी-पीढ़ी बनाम नई पीढ़ी
पुरानी पीढ़ी
पुरानी किताब सरीखी
नई पीढ़ी
नई किताब सरीखी
जैसे पुरानी किताब का
बाह्य आवरण आकर्षित नहीं करता
और मुद्रण भी चित्ताकर्षक नहीं होता
और पुराने धब्बों व धूल से विकृत-जर्जर
पर
उसकी पाठ्य वस्तु भरपूर
अपार ज्ञान से
नई किताब का
बाह्य आवरण बहुत ही आकर्षक
मुद्रण भी मन-भावन
विविध रंगों से भरपूर चित्र सामग्री
न धूल न धब्बे
फिर भी -
उसकी पाठ्य वस्तु
उधार बासी, ज्ञान के नाम पर कचरा
न चिंतन न कोई विचार
बस शब्द ज्ञान और वस्तुओं की पहचान
कराना ही जैसे इनका उद्देश्य हो !!!
फिर पाता हूँ
पुरानी पीढ़ी और नई पीढ़ी का फर्क
भी कुछ ऐसा ही है
देख रहा हूँ कि -
नई पीढ़ी ज्ञान का बोझ नहीं ढ़ोती
इसलिए -
वह ज्यादा वर्तमान में रहती है
ज्यादा सुनती, देखती है
पर बुद्धि को ज्ञान के बोझ से
नहीं भरती
शायद-
जानने से ज्यादा
जीने में यकीन रखती है !!!
bahut hi sundar kavita hai.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !!! आपने कविता पसंद की ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर कविता..
जवाब देंहटाएंपरन्तु ये न भूलें :
ज्ञान भी आते आते-आते आएगा
आज जो नया है कल ही पुराना हो पायेगा
ज्ञान भी आते आते आएगा
जवाब देंहटाएंआज जो नया है कल ही पुराना हो पाएगा
आपकी प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद ।