सांस साज़ और साथ
सांस आती जाती है एक लय में
रास आती जाती है जिंदगी एक वय में
खास बात होती है जिंदगी एक साथ में
साथ सांसों सा हो तो जिंदगी एक साद है
साथों में ढ़ूँढ़ते हैं हम जिंदगी का राग
बातों में खोजते हैं हम जिंदगी का राज
साथ मिल जाए गर उस माशूके मजाजी का
साज़ जिसका मेरे नगमें पर करे आशिकी हकीकत
रास आती जाती है जिंदगी एक वय में
खास बात होती है जिंदगी एक साथ में
साथ सांसों सा हो तो जिंदगी एक साद है
साथों में ढ़ूँढ़ते हैं हम जिंदगी का राग
बातों में खोजते हैं हम जिंदगी का राज
साथ मिल जाए गर उस माशूके मजाजी का
साज़ जिसका मेरे नगमें पर करे आशिकी हकीकत
accha laga kavita padke .
जवाब देंहटाएंमनोज जी बहुत ही दुविधाओं के बीच लिखी है ये नज़्म ....पता नहीं कहाँ तक सही कह पाई हूँ .....और फिर आपने भी तो लिखा है .....
जवाब देंहटाएंसाथ सांसों सा हो तो जिंदगी एक साद है
साथ मिल जाए गर उस माशूके मजाजी का
बहुत सुंदर .....!!
अत्यन्त सुंदर रचना! बहुत अच्छा लगा !
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