ज्ञान की बत्ती
"तेन्दई" बौद्ध-दर्शन की एक दार्शनिक विचारधारा है । इसी विचारधारा का एक दार्शनिक झेन का ज्ञान हासिल करना चाहता था । वह इस उद्देश्य से झेन-गुरु "गासन" के आश्रम में आ कर ठहरा । कुछ वर्ष आश्रम में रहकर उसने झेन का अध्ययन किया । झेन पद्धति के संबंध में तथ्यों को एकत्रित किया । जब वह आश्रम से लौटने लगा तो गासन ने उसे सचेत किया, "सत्य की दार्शनिक विवेचना संबंधी सामग्री इकट्ठा करना एक उपयोगी कार्य हो सकता है, लेकिन याद रखना, अगर तुमने नियमित रूप से ध्यान नहीं किया तो तुम्हारे दार्शनिक-ज्ञान की बत्ती कभी भी गुल हो सकती है ।"
informative with teachings...
जवाब देंहटाएंnice post...
समस्त ज्ञानों से ऊपर ज्ञान दे डाला!! कहाँ थे महाप्रभु आप... लोग आपके इंतज़ार में पलकें बिछाए बैठे हैं!!
जवाब देंहटाएंसंवेदना के स्वर में मेरा स्वर भी शामिल है. कहाँ थे आप? पोस्ट व्यावहारिक अध्यात्म पर बल दे रही है. प्रेरणा दायक कथा.
जवाब देंहटाएंइतनी भी क्या व्यस्तता कि बिल्कुल ही ग़ायब.. न पोस्ट, न टिप्पणियाँ... भाई साहब, ये अच्छी बात नहीं है.... आप हमारे सम्बल हैं, बने रहिये, डटे रहिये!!
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