हरिवंश राय बच्चन की कलम से कुछ जीवन सत्य
- बुद्धि से जो बली होता है,प्राय: शरीर से दुर्बल होता है।
- अनुभूति का सत्य वस्तुगत सत्य से कहीं अधिक सजीव होता है।
- स्त्री के आंसुओं के समक्ष पुरुष बेबस हो जाता है।
- जो मर्द कमाता नहीं वह औरत पर मुश्किल से हावी हो पाता है।
- नारी तो मां बनने के लिए ही बनी है। उसके स्वप्नों में कोई इससे अधिक मधुर,कोमल और सबल नहीं होता। मां बनकर ही वह पूर्ण होती है; न बन सकी तो इस अभाव के लिए वह अपने को धिक्कारती रहती है।
- नारी और नृपति को पलटते देर नहीं लगती।
- नारी कितनी दूरंदेशी,कितनी कल्पनाशील और कितनी व्यवहारिक होती है।
- जीवन में कुछ चीजें कोमल तंतुओं से बंधी रहने पर ही संगठित रहती हैं। जब उन्हें अधिकार की लौह शृंखला से बांधने का प्रयत्न किया जाता है,तब वे बिखर जाती हैं।
- पुरुष के ऐसे काम-धंधे को नारी का समर्थन कम ही मिलता है जिससे चार पैसे की आमदनी न हो। पुरुष भावना पर जी सकता है,नारी नहीं।
- जिंदगी और औरत उसी आदमी का सिक्का मानती हैं जो उसे झिंझोड़कर फेंक दे।
- जीवन में ज्यादातर टूटे हुए लोग वे हैं जो अपने स्वभाव और कार्य में साम्य नहीं स्थापित कर पाते।
- प्रकृति अपने साथ चलने वालों को धोखा नहीं देती।
- हर स्त्री एक अलग भेद है... ... ... योनि मात्र रह गई मानवी। स्त्री योनि मात्र होती तो भी उसे समझ लेना या वश में कर लेना शायद सहज न होता,पर वह उसके अतिरिक्त भी बहुत कुछ है और इसी कारण आदि सृष्टि से पुरुष के लिए अनबूझ पहेली बनी हुई है और शायद सदा-सदा के लिए बनी रहेगी।
(उक्त सभी विवरण हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा के प्रथम भाग "क्या भूलूं क्या याद करुं" से संकलित किए गए हैं।)
Shayad ye sabhee anubhooti jany satya hain!
जवाब देंहटाएंमनोज जी कमाल किया है आपने!! बच्चन जी के संस्मरण से चुनकर जो अनमोल मोटी आपने बिखेरे हैं वे बेशकीमती हैं!! एक अनोखा और प्रशंसनीय प्रयास!! भविष्य में भी ऐसी भेंट मिलेगी आपसे यही कामना है!! आभार!!
जवाब देंहटाएंलाजवाब संकलन है। आपने तो सागर से मोती चुन कर जमा कर दिया है। हमने तो इसको अपने सेफ़ कस्टडी में रख लिया है।
जवाब देंहटाएंबच्चन जी की जीवन सत्य की अनुभूतियाँ पढकर अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
मेरे ब्लॉग पर आईएगा.
बच्चन जी के बारे में ज्ञान वर्धक जानकारी देने के लिये आभार....
जवाब देंहटाएंकृपया इसे भी पढ़े
नेता,कुत्ता और वेश्या
बढ़िया संकलन. सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएं