सेवानिवृत्ति होने पर स्वास्थ्य/स्वास्थ्यकारक सेवानिवृत्ति
सेवानिवृत्ति होने पर स्वास्थ्य/स्वास्थ्यकारक सेवानिवृत्ति
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सामान्यत: सेवानिवृत्ति
क्रियाशील कार्यालयी जिंदगी से सापेक्षता धीमी गति का घोषित संक्रमण दौर है। यह स्वत: कम तनावों, मानसिक और शारीरिक
क्रियाओं वाला समय है,इसलिए शरीर को भी कम कैलोरी की जरूरत होती है। कम हुई
क्रियाएं यदि वैकल्पिक गतिविधियों से बदली न जाएं और उबाऊ जिंदगी से बचने के लिए
रंगरली स्वरूप अधिक खाना शुरू हो जाए तो परिणामस्वरूप मोटापा बढ़ेगा और इससे
तात्कालिक तथा दीर्घ-अवधि की स्वास्थ्य संबंधी हानियां होंगी और व्यक्ति के
अच्छेपन का नुकसान होगा। लम्बे समय तक स्वस्थ और आत्मनिर्भर रहने के लिए
सावधानीपूर्वक लिया गया आहार आवश्यक है, यह तब और भी जरूरी हो जाता है जबकि आपकी शारीरिक
गतिविधियां कम हो रही हों। लम्बे समय से चली आ रही चिकित्सीय समस्याएं रुग्ण
स्वास्थ्य के लिए तब और भी अधिक भागीदार बन जाती हैं जबकि सेवानिवृत्ति की
निष्क्रियता हो। चूंकि शारीरिक गतिविधियां कम होने से शरीर की फालतू कैलोरी का उपयोग
नहीं हो पाता, इसलिए एक अच्छी सेवानिवृत्त जिंदगी को बनाए रखने के लिए आहार
पर नियंत्रण प्राथमिक केंद्रबिंदु होगा। इस संबंध में यहां कुछ सूत्र वाक्य दिए जा
रहे हैं :-
1. प्रतिदिन 300 कैलोरी का उपयोग निश्चित हो, इसके लिए प्रतिदिन 40 मिनट तक तेज
गति से चलिए।
2. सामान्य स्वास्थ्य परिदशाओं को
सुधारने हेतु, विशेषत: हृदय संबंधी, मधुमेह(डायबिटीज) और
आर्थराईट्स(हड्डियों संबंधी) रोगों से बचाव के लिए प्रतिदिन एक चमच्च अलसी पाऊडर
खाएं।
3. प्रतिदिन एक केला खाएं क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में पौटाशियम होता है,जो रक्त दबाब(ब्लैड प्रशैर)को कम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
इससे क्षुधा कम होती है और इसे एक कम कैलोरी(लगभग 80-100 कैलोरी)वाले नाश्ते के
रूप में लिया जा सकता है बनिस्बत कि वड़ा, चकली, पकौड़ा या पेस्ट्री लें जिनमें लगभग 200 से 250
कैलोरी होती है।
4. प्रतिदिन कम से कम दो गिलास मलाई वाला दूध अवश्य पिएं, इससे हड्डियां मजबूत
रहेंगी।
“प्यार चाहने से
नहीं मिलता है, बल्कि उसके लिए आपको अपने
भीतर झांकना होगा और जो अड़चने,बाधाएं,दीवारें आपने प्यार के विरुद्ध खड़ी कर रखी हैं, उन्हें गिरा देना होगा।“ -जलालुद्दीन रूमी,सूफी कवि
(1207-1273)
5. नियमित व्यायाम,योग और संतुलित भोजन शरीर में एचडीएल स्तर(अच्छा कोलेस्ट्राल)को बनाए रखने
में बड़ी मदद करता है। चरबी वाले पदार्थों का
सेवन सावधानी से करें। मांस-मच्छ्ली,नारियल तेल और पॉम ऑयल का सेवन सीमा में कीजिए। ट्रांसफैटी
एसिड (महीन चरबीयुक्त अम्ल) का सेवन न करें जो प्राय: केक,पेस्ट्री,बर्गर और फ्रैंच फ्राई
में पाया जाता है।
6.
प्रतिदिन कम से कम 8 से 10 गिलास पानी जरूर पिएं, जिससे आपका शरीर
पर्याप्त रूप से जलयोजित बना रहे।
7.
अम्लीयता को शरीर में ठीक रखने के लिए सुबह-सुबह 8 से 10 पत्ते पौदीना के चबाएं।
खीरा जूस और कच्चे नारियल का जूस भी एसिडिटी(अम्लीयता) को ख़त्म करने में सहायक
है।
8.
पेट की चरबी को कम कीजिए। पेट की चरबी स्वास्थ्य जोखिमों बढ़ा देती है। स्त्रियों
में कमर का घेराव 35 इंच से ज्यादा और पुरुषों में यह 40 इंच से ज्यादा नहीं होना
चाहिए। इसे हमेशा ध्यान में रखिए।
9.
मधुमेह के रोगियों को अपने स्वास्थ्य को सख्ती से नियंत्रित रखना चाहिए। ये रोगों
के प्रति संवेदी होते हैं। इन्हें मसूढ़ों का संक्रामण होने का खतरा बना रहता है।
मधुमेह के रोगियों को आंखों के डॉक्टर के पास नियमित रूप से जांच के लिए जाना
चाहिए। ताकि आंखों का कोई रोग हो तो उसका तुरंत पता चल सके,जितनी जल्दी रोग का पता
चलेगा उतनी ही शीघ्रता से ईलाज संभव हो सकेगा।
10.
मिठाइयों के प्रति दिल ललचाने के बनिस्बत फ्रूट, फ्लेवर्ड फ्रूट, दही या ड्राई-फ्रूट का
सेवन करें।
11.
10 से 15 ग्राम रेशे वाले पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने से कोई भी व्यक्ति
अपने रक्त कोलेस्ट्रॉल स्तर को काफी हद तक कम कर सकता है। अधिक रेशे वाला भोजन
लेने से कब्जियत से बचाव होता है और शरीर के भार को नियंत्रित रखने में मदद मिलती
है। अपने भोजन में हरे पत्ते वाली सब्जियां,फल,मोटे दाने वाली दालें,अन्न,सूखी सेम,मटर और ड्राई-फ्रूट का
अधिक प्रयोग करें।
- रेवथी नटराजन- आहार विशेषज्ञ
“सेवानिवृत्ति एक
स्थिर घटना नहीं है,जो किसी निश्चित समय में
निर्धारित हो और जिसे चिह्नित करने के लिए स्वर्ण-घड़ी की जरूरत हो। बल्कि
सेवानिवृत्ति...यदि यह सही शब्द है...तो यह एक बहुदिशात्मक प्रक्रिया है जिसे पूरा
होने में वर्षों लग जाते हैं।“ – एलिस राडोस
अनुवाद : मनोज भारती
प्रेरणास्पद आलेख..आभार!
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