सेवानिवृत्ति के पश्चात गतिविधियां- प्रतिदिन अधिकतम पाने के सूत्र

सेवानिवृत्ति के पश्चात गतिविधियां-
प्रतिदिन अधिकतम पाने के सूत्र


कल्पना कीजिए कि आप अलार्म घड़ी की आवाज सुन कर सुबह रात की नींद से उठते हैं और तभी आपको ख्याल आता है कि आज तो कहीं नहीं जाना है। सेवानिवृत्ति के बाद का पहला दिन जहां बहुत आश्चर्य वाला होता है वहीं यह दिन दुविधा का भी होता है। सुबह 4 बजे उठने की आदत तो अब अतीत की घटना हो गई, अब आप सवाल कर सकते हैं कि आगे क्या ? यहां सेवानिवृत्ति के बाद प्रतिदिन कुछ अधिक पाने या करने के सूत्र वाक्य हैं –
  1. लीक न बनने दें : कुछ ही दिनों में आप एक नई तरह की आजादी के अभ्यस्त हो जाओगे। सूर्योदय के समय न उठ कर बिस्तर पर अंगड़ाइयां कम से कम पहले एक सप्ताह तो बहुत आकर्षक रहेगा। इसके बाद,एक सूची बनाइए उन कामों की जो आप हमेशा से करना चाहते थे, ये काम कुछ भी हो सकते हैं, लेकिन ये आपको सुबह जल्दी उठाने और आपको घर से बाहर निकल कर कुछ करने का मादा देंगे।
  2. व्यायाम और पौष्टिक आहार : अब आप सेवानिवृत्त हैं और अ‍ब आप कुछ व्यायाम करने की व नियमानुसार आहार करने का मन बना ही लीजिए, जो पहले आप अनियमित रूप से करते रहें हैं उसे नियमित करने का संकल्प लें। किसी व्यायामशाला के सदस्य बनें या किसी दोस्त को बुलाएं और उसके साथ सप्ताह में कम से कम 3 दिन सुबह टहलने का वादा करें। संतुलित आहार का चयन करें। सही मायने में उचित मात्रा में व्यायाम और आहार का संतुलित व नियमित प्रयोग किया जाए तो आपकी मानसिक,भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्यप्रदतता बनी रहेगी।
  3. अ‍पनी रुचियों को पुन: जीवित करें : क्या आप हमेशा से कुछ करना चाहते थे, लेकिन उसे करने का कभी अवसर या समय नहीं मिला? यात्रा, चित्रकारी,लिखना और बागवानी जैसे शौक जो अब तक पूरे नहीं हो सके थे,इन्हें अब पूर्णकालीक कौशल में ढाला जा
“प्रेम सभी मौसमों में रहने वाला फल है,जो हर समय उपलब्ध है,और सभी की पहुंच में है।“ – मदर टरेसा 

सकता है। शायद आप इतिहास,समाजशास्त्र या अन्य किसी कला की कक्षा लगाना चाहते थे। अ‍ब आप यह कर सकते हैं या शायद आप अपने हुनर से घर से ही कोई व्यापार शुरु करना चाहते थे वह सब अब आप कर सकते हैं।
  1. मस्तिष्क को अभ्यास की आदत डालें : अध्ययन बताते हैं कि मस्तिष्क से किए जाने वाले अभ्यास आपकी ज्ञानात्मक क्षमता को 10 वर्ष तक बढ़ा सकते हैं और स्क्रबल(संगति बिठाने का खेल), माथा-पच्ची(उलझन को सुलझाना) या किसी समस्या पर ध्यान केंद्रित करना जिसमें की विश्लेषणात्मक बुद्धि की जरूरत हो जैसे अभ्यास उद्दीपन शक्ति को बढ़ाते हैं। शरीर के व्यायाम के साथ-साथ मस्तिष्क के अभ्यास भी आपको जारी रखने चाहिएं।
सेवानिवृत्ति बहुत सी विकल्प छवियों को समाए हुए है। इसे आप घर में बैठ कर गुजार सकते हैं,क्योंकि आखिरकार आपने बहुत खून-पसीने से मेहनत कर कमाई की है और अब आपको आराम की योग्यता हासिल है; या आप किसी काम में लग सकते हैं, जिससे न केवल आपकी जीवन-शैली सुधरेगी बल्कि आपके पास उन सब चीजों को वहन करने की क्षमता और अवसर होगा जिन्हें आपने अपने जीवन में चाहा है। बाद वाला विकल्प अधिक उत्तेजित करने वाला है, क्या नहीं ?
प्रतिदिन अधिकतम पाने की कोशिश करें- और वह अ‍आप कर सकते हैं ...
  
व्यक्ति व्यक्ति है, यह कोई मायने नहीं रखता कि वह कितना छोटा है। - डॉ. सिउस्स
   
अनुवाद : मनोज भारती 

टिप्पणियाँ

  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिन: कोई दूर से आवाज़ दे चले आओ मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. व्यावहारिक पोस्ट

    ब्लॉग बुलेटिन से यहाँ पहुँचना अच्छा लगा :)

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