डिगरी

लोगों को आप से अधिक आप की डिगरियों पर अधिक विश्वास है । वे आपको आपकी डिगरियों से पहचानते हैं ।@ मनोज भारती

टिप्पणियाँ

  1. बहुत हद तक आप सही हो मनोज भाई! दरअसल हम जल्दी से जल्दी निर्णय लेने की बीमारी से ग्रसित लोग है, डिग्रीयां एक तरह के पूर्वाग्रह से भर देती है और आदमी की बेवकूफी भरी बात भी तार्किक लगने लगती है.
    दो कौड़ी का आदमी भी जब मंत्री या प्रधानमंत्री बन जाता है (ऐसी दुर्घटनायें सब देशो मे होती रहतीं हैं) तो उसकी बात बहुत ध्यान से सुनी जाती है..गूढ अर्थ निकाले जाते हैं...पंडितो की टोली एक एक कर उनका अर्थ समझाती है.

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  3. Degree aaj ke yug main aap ke naam kee takhtee ko khoobsoorat banane ka sunder tareeka hai.
    India main to khas karke...log aapnee Name Plate par zyada se zayada dgrees likhte hai...chahe vo degree khareedee hee kion na ho???

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