नए की खोज

(नए के प्रति ओशो का नजरिया )
1. हर पल और हर क्षण नया होता है ।
2. दुनिया में दो ही तरह के लोग हैं, एक वे जो अपने को नया करने का राज खोज लेते हैं और एक वे जो अपने को पुरानाबनाए रखते हैं ।
3. उत्सव हमारे दुखी चित्त के लक्षण हैं ।
4. जब तक दुनिया में दुखी आदमी हैं तभी तक उत्सव हैं ।
5. जिस दिन दुनिया में प्रसन्न लोग रहेंगे उस दिन उत्सव नहींरहेंगे; क्योंकि रोज ही उत्सव का दिन होगा ।
6. जब दुनिया में दुखी लोग हैं तब तक मनोरंजन के साधन हैं । जिस दिन आदमी आनंदित होगा
उस दिन मनोरंजन के साधन एकदम विलीन हो जाएंगे ।
7. सिर्फ दुखी आदमी मनोरंजन की खोज करता है और सिर्फ दुखी आदमी ने उत्सव ईजाद किए हैं ।
8. रोज नया चित्त हो तो रोज नया दिन हो ।
9. जो एक क्षण में शांत होने की तरकीब जान लेता है वहपूरी जिंदगी शांत रह सकता है ; क्योंकि एक क्षण से ज्यादाकिसी आदमी के हाथ में दो क्षण होते ही नहीं ।
10. पुराना करने की तरकीबों में हम निष्णात हैं ; प्रत्येक चीजमें पुराने को खोजने को इतने आतुर हैं जिसका कोई हिसाबनहीं ।
11. मनुष्य कितना विरोधाभासी सोचता है ; एक तरफ वहनिरंतर पुराने की अपेक्षा किए हुए है और दूसरी तरफ नए कीआकांक्षा भी किए हुए है ।
12. प्रतिपल नए की खोज की हमारी दृष्टि होनी चाहिए कि नया क्या है ?
13. जो कल था वह कल विदा हो गया । आज हर चीज नई है ।
14. नए का सम्मान करना सीखें तो नया प्रकट होगा ।
15. नए का सम्मान करें और जिंदगी की यंत्रवत पुनरुक्ति कीआकांक्षा छोड़ दें ।
16. जिंदगी को एक पुलक में जीने दें, एक अनिश्चय में जीने दें । इस असुरक्षा को स्वीकार कर लें ।
17. जिंदगी एक अनिश्चय है और आदमी डर के कारण सबनिश्चित कर लेता है ।
18. वे ही लोग नए हो सकते हैं जो अनिश्चित में जीने कीहिम्मत रखते हैं ।
19. जिंदगी में नए का स्वागत नहीं है, पुराने का आग्रह है, तोसब पुराना हो जाएगा ।
20. पुराने की अपेक्षा छोड़ दें ।
21. हम अपने चारों तरफ क्या इकट्ठा कर रहें हैं इस पर निर्भर करेगा कि हमारे भीतर क्या घटित होगा । हमारे भीतर जोघटना घटेगी, वह हमारे हाथ से ही इकट्ठी की हुई है ।
22. जो व्यक्ति एक बार नए के लिए मन का द्वार खोल लेता है, आज नहीं कल पाता है कि नए के पीछे परमात्मा प्रवेश करगया है , क्योंकि परमात्मा अगर कुछ है तो जो निरंतर नया है, उसी का नाम है ।
23. जिंदगी रोज नई है और जिंदगी रोज वहां पहुँच जाती है जहां कभी नहीं पहुँची थी ।
24. परमात्मा वह है जो प्रतिपल होता है और प्रतिपल होता ही चला जाता है ।
25. अगर हमारे पास वह तकनीक, वह तरकीब, वह शिल्प ,वह कला है जिससे हम हर जगह नए को खोज लें, तो हम परमात्मा हैं ।
26. एक बार जिंदगी में नए का बोध होना शुरु हो जाए तो सबकुछ ठीक हो जाता है ।
27. पुराने को मत खोजे, खोजेंगे तो वह मिल जाएगा क्योंकि वह है ।
28. जिंदगी बहुत अद्भूत है । उसमें खोजने वाले को सब मिल जाता है । आदमी जो खोजने जाता है, वह उसे मिल ही जाता है ।
29. ध्यान से समझ लेना, कि आपने खोजा था इस लिए मिल गया है और कोई कारण नहीं है उसके मिल जाने का ।
30. जो कभी नहीं हुआ है वह आज हो, इसकी ओर हमारा खुलामन होना चाहिए ।
31. पुराने सुखों से नए दुख भी बेहतर होते हैं क्योंकि नए होते हैं ।
32. पुराने की अपेक्षा न करें, नया जब आवे तब उसे स्वीकार करें, पुराने की आकांक्षा न करें ।
33. इस क्षण को नया करने की फिक्र करें । अगले क्षण की फिक्र न करें ।
34. नए के द्वार अंतहीन हैं ।
35. आज के दिन को पुराना न होने दें ।

टिप्पणियाँ

  1. बेहद लाजवाब ,,,, सभी ३५ उपदेश कमाल के हैं .. नया दृष्टिकोण रखते हैं जीवन का ...

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  2. आज के दिन को पुराना न होने दें...
    बहुत ही सुंदर विचार पेश किए हैं आप ने....
    लाजवाब....

    जवाब देंहटाएं
  3. पुराने को मत खोजे, खोजेंगे तो वह मिल जाएगा क्योंकि वह है ।
    28. जिंदगी बहुत अद्भूत है । उसमें खोजने वाले को सब मिल जाता है । आदमी जो खोजने जाता है, वह उसे मिल ही जाता है ।
    29. ध्यान से समझ लेना, कि आपने खोजा था इस लिए मिल गया है और कोई कारण नहीं है उसके मिल जाने का ।

    मनन करने योग्य उक्तियाँ .......!!

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  4. 19. जिंदगी में नए का स्वागत नहीं है, पुराने का आग्रह है, तोसब पुराना हो जाएगा ।
    सभी बाते अहम है

    जवाब देंहटाएं

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