गुटबंदी और ख्याति

निकम्मे लोग गुटबंदियों और हेराफेरी से सामयिक ख्याति शीघ्र प्राप्त कर लेते हैं । इसके विपरीत्त बुद्धिजीवी को ख्याति प्राप्त करने के लिए घोर संग्राम करना पड़ता है । - इलाचंद्र जोशी

टिप्पणियाँ

  1. मनोज जी..जो लोग ख्यति के पीछे भागते हैं ऊ लोग त बुद्धीजीवी होइए नहीं सकते हैं… सही माने में बुद्धीजीवी ओही है जो अपना रास्ता चलता है और ख्याति अपने आप उसके पीछे आ जता है..

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  2. जो लोग ख्याति के पीछे भागते हैं वही सबसे अधिक निराश होते हैं. ख्याति कितनी हो इसका पैमाना काम नहीं करता. 'फल की इच्छा मत कर' का सही अर्थ है कि निराश होने का सामान पैदा मत कर.

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  3. Hum to vo hain jo bas chalana jante hai....ख्याति ko to hmare peeche anna hee hoga.

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