व्यक्ति जितना अधिक मूल्यों के प्रति आस्थावान होता है, उसके जीवन में उतने ही अधिक कष्ट और कठिनाइयाँ आती हैं । कष्ट और कठिनाइयाँ अग्निपरीक्षा का काम करते हैं । - मनोज भारती 

टिप्पणियाँ

  1. हमरे हिसाब से मूल्यों के प्रति आस्थावान व्यक्ति को रास्ते में आने वाले कष्ट दिखाई ही नहीं देते हैं.. वह तो राह पकड़ तू एक चला चल का जाप करता पीड़ा में आनंद की अनुभूति लिए ऐकला चलो रे के दर्शन पर चलता ही जाता है.

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  2. सही कहा मनोज जी आपने. बिहारी ब्लागर की बात सोलह आने सच है. एक बार अपने मूल्यों से लगाव हो जाए. फिर दुनियां में कुछ भी मूल्यवान नहीं बचता.

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