सरलता

बहुचित्तता से जटिलता आती है । एक चित्तता से सरलता आती है । बहुचित्तता चीजों के साथ तादात्म्यता है । चीजों के साथ तादात्म्यता काट देने से एक चित्तता आएगी । व्यक्ति सरल होगा । बच्चे की सरलता स्वाभाविक है । व्यक्ति की सरलता एक अर्जित गुण है... जिसे बहुचित्तता के बाद...तादात्म्य को काट कर पाना है । जटिल होकर फिर से बच्चे जैसी सरलता पाना ही बुद्धत्व है ।

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