कर्मों के चिह्न

एक समय की बात है । एक स्त्री के एक लड़का था । वह उसे बहुत प्यार करती थी । लेकिन बुरी संगत में पड़कर लड़का बुरे काम करने लगा । उस स्त्री ने लड़के को बहुत समझाया । पर लड़के ने अपनी मां की एक बात न सुनी । मां द्वारा पुत्र से कही सब बातें पानी पर खिंची गई लकीरें साबित हुई । और उसने बुरी संगत न छोड़ी । वह बुरे कर्म करता रहा । मां ने भी अब उसे समझाना छोड़ दिया । लेकिन अब वह एक नया काम करने लगी ।जब भी उसका बेटा कोई बुरा काम करके घर आता, तो वह घर की दीवार में एक कील ठौंक देती । धीरे-धीरे दिन बीतने लगे और घर की दीवार पर कीलों की संख्या बढ़ने लगी । एक दिन ऐसा आया कि घर की चारों दीवारें कीलों से भर गई । एक दिन जब वह स्त्री दीवार में एक और कील ठौकने की कोशिश कर रही थी, तो लड़के ने दीवार को चारों ओर से कीलों से भरा देख कर मां से पूछा - "मां, तुम दीवारों पर ये कीलें क्यों ठौकती रहती हो ?" मां ने जवाब दिया, "ये तेरे बुरे कर्म हैं, जब तू कोई बुरा कर्म करके घर लौटता है, तो मैं उन्हें याद रखने के लिए दीवार पर एक कील ठौक देती हूँ ।" लड़का यह देखकर आश्चर्य चकित रह गया कि उसने अपनी जिंदगी में कितने बुरे कर्म किये हैं । उसकी अंतश्चेतना जाग उठी और उसने उसी समय यह ठान लिया कि वह बुरे कर्म नहीं करेगा । अब लड़का अच्छे कर्म करने लगा । प्रत्येक अच्छे कर्म पर उसकी मां ने एक कील दीवार से निकालनी शुरु कर दी । धीरे-धीरे करके दीवार से कीले कम होनी शुरु हो गई और एक दिन सभी कीलें दीवार से निकाल ली गई । तब बेटे ने मां से कहा - "मां, मैंने अच्छे कर्मों से अपने बुरे कर्मों को धौ डाला है ।" मां ने दीवार पर पीछे छूटे कीलों के निशानों को देखते हुए कहा, "बेटा ! तूने अच्छे कर्मों से बुरे कर्मों को नष्ट तो कर दिया, लेकिन तेरी आत्मा पर तेरे किये गए बुरे कर्मों के चिह्न आज भी दीवार पर पड़े इन कीलों के निशान की तरह हमेशा बने रहेंगे ।"

कहानी बताती है कि जीवन में किए गए कर्म निशान छोड़ जाते हैं ।

टिप्पणियाँ

  1. बहुत अच्छी लगी यह कथा। सभी को इसका अनुसरण करना चाहिए। आपने बहुत अच्छे भाव बिखेरे।

    जवाब देंहटाएं
  2. धन्यवाद नदीम अख़्तर जी

    अनुसरण नहीं, बस एक समझ भर पैदा हो जाए,
    और व्यक्ति अपनी समझ से,विवेक से जिए
    तो ठीक है
    लेकिन अनुसरण नहीं ... नहीं कदापि नहीं ।।।

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

राष्ट्रभाषा, राजभाषा या संपर्कभाषा हिंदी

चमार राष्ट्रपति

अमीर खुसरो की चतुराई